*चतुर्भुज मंदिर*
1.इस मंदिर को 1558 ई. से 1573 ई. के बीच राजा मधुकर शाह द्वारा बनवाया गया था।
2.चतुर्भुज मंदिर एक हिंदू मंदिर है जिसे ग्वालियर के किले (मध्य प्रदेश, भारत), में पत्थरों में नक़्क़ाशी करके निर्मित किया गया है।
3.एक ज़माने में यह मंदिर दुनिया में शून्य के सबसे पहले ज्ञात शिलालेख के लिए प्रसिद्ध था, लेकिन अब बख्शाली पांडुलिपि को शून्य प्रतीक का उपयोग करने के लिए सबसे पहले माना जाता है।
4.ओरछा का चतुर्भुज मंदिर विष्णु का मंदिर है। यह मंदिर जटिल बहुमंजिला संरचना वाला है तथा मंदिर, दुर्ग एवं राजमहल की वास्तुगत विशेषताओं से युक्त है।
5.चतुर्भुज' का शाब्दिक अर्थ है- 'चार भुजाओं वाला' और भगवान राम को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
6.मंदिर की छत एक कम वर्गाकार पिरामिड है, जो धामनार मंदिर के समान है।मंदिर की मीनार (शिखर) उत्तर भारतीय नागर शैली है, जो धीरे-धीरे एक चौकोर योजना के साथ घूमती है, जो सभी अखंड पत्थर से तराशी गई है। यह एक शिलालेख विष्णु (वैष्णव) के लिए एक प्रशंसा के साथ खुलती है।