Monday, 21 June 2021

World Music day

विश्व संगीत दिवस - संगीत शब्द सुनते ही रोम - रोम में एक अलग ही उत्साह चेतना जाग्रत हो जाती हैं । समस्त नकारात्मक बातो से परे यह संगीत ले जाता है। जो व्यक्ति संगीत में खो जाता है वह हमेशा आत्मविश्वास,जोश,उमंग से लबरेज होता है।प्रसिद्ध कलाकार स्वर्गीय दपू खान अपने सस्मरण में बताते है कि जिस घर में संगीत बजता है उस घर में शांति,प्रेम,भाईचारा बना रहता है।एवं देवता निवास करते है । सर्वप्रथम फ्रांस में आज ही के दिन 1982 में मनाया गया।सभी संगीतकारों एवं संगीत प्रेमियों के लिए यह दिन सबसे बड़ा पर्व होता है।किसी भी देश की संस्कृति उनके संगीत व कला के ही इर्द गिर्द होती है । फ्रांस से शुरू हुआ यह संगीत दिवस पूरे विश्व में लोकप्रिय हुआ।भारत संगीत के क्षेत्र में  विश्व में सर्वाधिक लोकप्रिय है। विविध प्रकार की कलाओ से भरा भारत में कई मनमोहक वाद्ययंत्र है। मै ऐसे सुदूर प्रदेश से आता हूं। जिसकी पहचान ही संगीत से है। वो तपती रेत ,मखमली धोरे,कृषि रहित प्रदेश, जिसका नाम सुनते ही लोगो में भय सा माहौल व्याप्त हो जाता है। लेकिन संगीत व सांस्कृतिक विरासत पर्यटकों को यहां आने को मजबूर कर देती। इस धरती पर सबसे मीठा फल पिलू है।उससे ही बढ़कर मिठास है यहां के मांगणियार कलाकारों की आवाज। रेगिस्तान प्रदेश को रागिस्तान कहा जाए तो भी ठीक है। जो रागो से भरा पड़ा है । खड़ताल ,कमायचा प्रमुख वाद्य यंत्र है। नुसरत फतेह अली खान साहब ,आतिफ असलम ,लता मंगेश्कर अनुराधा पाल तथा समस्त मांगणियार गायक मेरे सर्वाधिक पसंदीदा कलाकार है । अनुराधा पाल - प्रसिद्ध तबला वादक है तबला  अन्य वाद्य यंत्रों की तुलना में मोहक तथा जटिल वाद्य यंत्र है। अनुराधा पाल जी ने तबला पर अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया प्रथम भारतीय महिला जिन्होंने तबला वादन में महारथ हासिल की।इनकी सबसे बड़ी विशेषता है कि श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करना एक साथ 4 लाख स्रोताओं के सामने प्रस्तुति देने का विश्व कीर्तिमान है।

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