संगीत के सच्चे साधक अनुराधा पाल - अनुराधा पाल तबला वादन में एक लोकप्रिय नाम है । इसका संगीत के प्रति जोश,जुनून,ज्जबा ,इतना है कि संगीत के लिए कितनी भी मेहनत हो कैसी भी परिस्थिति हो वह पीछे नहीं हटते है। अनुराधा पाल संगीत के साथ - साथ पारिवारिक कृतव्यो का निर्वहन भी बहुत अच्छी तरह से करते है। उनके जीवन में ऐसी कई परिस्थितियां आई फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है इन सब परिस्थितियों को अपने जीवन पर हावी नहीं होने दिया तथा कठिन परिश्रम कर दुनिया के सामने एक शानदार मिशाल पेश की । कि परिस्थितियां कैसी भी हो उनका डटकर सामना करो मंजिल अपने आप मिल जाएगी। अनुराधा जी पाल अपने कर्तव्यों,वचन ,समय ,एवं अनुशासन में पाबंद रहते है
। परिवार देखभाल व संगीत उनका है मुख्य कर्तव्य - एक बार इनके माता - पिता दोनों ही अलग - अलग अस्पताल में भर्ती थे तब इन्होने इन दोनों अस्पतालों के मध्य में रहकर उनकी भली भांति से देखभाल की तथा अपना रियाज भी जारी रखा। अक्सर हम पढ़ते है कि क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के पिताजी की मौत के बाद भी वह क्रिकेट खेलते रहे। अब ऐसा सुनकर भी अजीब लगता है। कितना दुख होता है जब संसार के सबसे प्रियतम व्यक्ति या जिन्होंने हमे यह संसार दिखाया वो व्यक्ति इस दुनिया को अलविदा कह गया। लेकिन देश व अपने कर्तव्यों पर खरा उतरते हुए उन्होंने इस मैच में शतक लगाकर भारत को संकट से उबारा तथा भारत को मैच जिताया । और इसी तरह से वाकया संगीत की सरस्वती ,तबला की जादूगर, आदरणीया अनुराधा जी पाल के साथ हुआ । अनुराधा जी पाल का कार्यक्रम तय हो रखा था इनके बैंड के समस्त सदस्य तय समय पर पहुंच गए थे । लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था ।कार्यक्रम के दो दिन ही पहले अनुराधा जी पाल के पिताजी आदरणीय देवेन्द्र जी पाल इस दुनिया से विदा हो गए। अपने पिताजी की मौत के गम में खुद को संभाल पाना भी एक मुश्किल भरा काम है । अब उनके कार्यक्रम का दिन भी आ गया । भारत जैसे देशों में अपनों की मौत के गम में एक साल तक संगीत न बजता और न ही बजाते । लेकिन अनुराधा पाल जी ने खुद को संभालते हुए दूसरे दिन अपने इस कार्यक्रम की प्रस्तुति देकर लाखो लोगो की भीड़ को प्रफ्फुलित किया ।इन्हे हौसला दिलाने के लिए इनकी माताजी आदरणीया इला पाल जी स्वय यह कार्यक्रम देखने आए थे। अपने वचनों पर खरा उतरते है - प्राण जाए पर वचन न जाएं इन्होंने संगीत के लिए जो वचन, प्रण , व वादे किए है उसमे व पीछे नहीं हटते चाहे भले प्राण जाए। अर्थात् हिम्मत एवं हौंसलो का दूसरा नाम है अनुराधा जी पाल।
संगीत के प्रति है पूरा जीवन समर्पित - संगीत के प्रति इनका समर्पण इस कद्र हावी है कि उनके दिमाग में हमेशा कुछ न कुछ नया सूझता रहता है एवं दिमाग में कई नई धुने घूमती रहती है एवं उन धुनों पर अनुप्रयोग करके कई संगीत में नवाचार किए है। स्त्री शक्ति,सु फो रे ,रिचार्ज ,डांसिंग रैन ,आदि इनके संगीत में किए गए प्रमुख नवाचार है जो आज पूरे विश्व में लोकप्रिय है। तथा इस कारण लाखो लोग इनकी कला के दीवाने है। इन्हीं सब नवाचारों के कारण इन्हे नवाचारों की जननी कहा जाता है। एवं इनके नवचार केवल संगीत तक ही सीमित नहीं है बल्कि समाजसेवा में भी दिन प्रतिदिन नवाचार करते रहते है।
कला व कलाकारों के सम्मान व मदद के लिए है हर वक्त तत्पर - सबसे जटिल कला शास्त्रीय संगीत,तबला वादन,लोक संगीत आदि में नए नए अनुप्रयोग कर नई पीढ़ी के लिए संगीत को संजो रहे है। कलाकार छोटा या बड़ा हो हर किसी का विनम्रतापूर्वक सम्मान करते है। तथा कलाकारों का दुख इनसे देखा नहीं जाता है। हाल ही में आई कोवीड महामारी मै इन्होंने सम्पूर्ण भारत में सेवा कर कई गरीब कलाकारो की मदद कर उनके जीवन पर इस महामारी को हावी नहीं होने नहीं दिया ।
अनुराधा पाल आज पूरे विश्व में प्रेरणा एवं ऊर्जा का स्रोत है। कैसी भी परिस्थिति हो इनकी जीवनी जरूर पढ़े आप जीवन में निश्चित ही सफल होंगे।
भारत सरकार द्वारा इस महान सख्सियस को कला संस्कृति,मानव ससाधन एवं अन्य क्षेत्र का ब्रांड एंबेसडर बनाकर तथा पदम पुरस्कार से सम्मानित किया जाना चाहिए।ताकि आने वाली पीढ़ी भी इनसे प्रेरित हो सके।विश्व की महान तबला वादक अनुराधा पाल - अपनी कला के हुनर के दम पर लाखों लोगों के दिलों में अमिट छाप छोड़ने वाली अनुराधा पाल नाम आज हर कोई जानता है। उनका संगीत जीवन को देखा जाए तो वाकई संघर्षमय एवं प्रेरणादायक है। इला पाल व देवेन्द्र पाल के घर इनका जन्म हुआ। बचपन से संगीत का जूनून इस कदर हावी था कि बाकी बच्चो की तरह व खिलौनों से ना खेलकर वाद्य यंत्र (तबला)से खेलते थे। शास्त्रीय गायन, तबला वादन में दस वर्ष की उम्र में ही निपुण हो गए थे। उस दौर में महिलाओं का जीवन सामाजिक तानो बानो,शिक्षा का अभाव, बाल विवाह , समाज में नारियों की भूमिका कम होना जैसी सामाजिक बेड़ियों से बंधा हुआ था। इनके सामने इनका सामना करना भी किसी चुनौती से कम नहीं था।इन सब बेड़ियों को पार कर नारी शसक्तीकरण की अदभुत मिशाल पेश की। मात्र 10 वर्ष की ही आयु में एकल प्रस्तुति देकर वाहवाही बटोरी। उसके बाद इनके संगीत जीवन में नए आयाम आए तथा मात्र 13 वर्ष की आयु में देश के सबसे बड़े ख्याति प्राप्त कार्यक्रम में देश के शीर्ष दिग्गजों के साथ तबला वादन किया। तबला आधुनिक वाद्य यंत्रों की तुलना में थोड़ा जटिल एवं मोहक वाद्य यंत्र है। अनुराधा पाल की अंगुलियों तथा हाथों में वो जादू है जो आज तक कोई समझ नहीं पाया है। इनकी अंगुलियों की स्पीड शताब्दी एक्सप्रेस की तरह चलती है । महान फनकार उस्ताद अलारखा खान एवं उस्ताद जाकिर हुसैन की शिष्या है अनुराधा पाल - माता - पिता व गुरुजन (उस्ताद) की हमेशा यह कामना की होती की हमारे बेटे - बेटी या हमारा शिष्य - शिष्या हमसे भी ऊंचा नाम करे । इन सब की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए अनुराधा पाल जी संगीत में बहुत बड़ा मुकाम हासिल किया है। प्रमुख उपलब्धियां - 1 - सर्वप्रथम मुंबई यूनिवर्सिटी द्वारा शिक्षा उत्कृष्टता के क्षेत्र में अवॉर्ड दिया गया ।
2. - ऑल इंडिया यूथ फेस्टिवल द्वारा स्वर्ण पदक (वाद्य यंत्र वादन क्षेत्र) में दिया गया।
3. सुर सिंगर समसाद मुंबई द्वारा ताल मनी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
4. महाकालेश्वर समिति उज्जैन द्वारा महाकाल सम्मान से नवाजा गया।
5. में रोटरी क्लब मुंबई द्वारा वोकेशनल एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित।
6. भातखंडे ललित शिक्षा समिति द्वारा ताल रत्न से सम्मानित।
7. पंडित जसराज द्वारा सर्वश्रेष्ठ संगीतकार का अवॉर्ड।
8. महाराष्ट्र सरकार द्वारा सांस्कृतिक पुरस्कार ।
9. में जी नेटवर्क द्वारा जी अस्तित्व पुरस्कार।
10. स्टार टीवी द्वारा स्टार ताल अवॉर्ड।
11. कनाडा सरकार द्वारा एक्सीलेंस (उत्कृष्ट) अवॉर्ड से सम्मानित।
12. मालवा रंगमंच समिति एवं कालिदास अकादमी द्वारा अद्वितीय स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित।
13. मालवा रंगमंच समिति द्वारा मालवा ताल शिरोमणि से सम्मानित।
14. मेवाड़ फाउंडेशन द्वारा डागर घराना सम्मान से सम्मानित।
15. आण्विक विभाग द्वारा महिला सशक्तिकरण अवॉर्ड से सम्मानित।
16. युवा पर्यावरण द्वारा वुमन अचीवर्स अवॉर्ड
17. व प्रसार भारती द्वारा उच्च श्रेणी संगीतकार अवॉर्ड।
18 एफआईसीसीआई एफ एल ओ द्वारा वुमन अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित।
19. रोटरी क्लब मुंबई पश्चिम द्वारा रोटरी वोकेशनल सराहना पुरस्कार से सम्मानित।
20. आशीर्वाद फाउंडेशन द्वारा सुरभि सम्मान से सम्मानित।
21. इन्नर व्हील क्लब मुंबई एयरपोर्ट द्वारा वुमन अचीवर्स अवॉर्ड ।
22 . महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा भारत के राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद द्वारा प्रथम लेडीज अवॉर्ड से सम्मानित ।
23. विश्व मानव संसाधन विकास कांग्रेस द्वारा फेमिना वुमन सुपर अचीव पुरस्कार से सम्मानित।
24. मलायला मनोरमा स्वस्थी फाउंडेशन द्वारा स्वस्थी फाउंडेशन द्वारा वुमन अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित।
25. महाराणा कुम्भा संगीत परिषद द्वारा महाराणा कुम्भा सम्मान से सम्मानित।
26. वाग्धारा और मुरारका फाउंडेशन द्वारा वाग्धारा नवरत्न सम्मान से सम्मानित।
27. कला प्रक्षिका पूरी द्वारा ब्रह्मावादिनी समान से सम्मानित।
28. कला प्रक्षिका द्वारा माखन लाल हालदार पुरस्कार से सम्मानित।
29. के एंड के सामाजिक फाउंडेशन द्वारा सर्वश्रेष्ठ महिला तबला वादक का पुरस्कार जीता ।
30. रोटरी क्लब ऑफ थाने हिल्स द्वारा रोटरी एक्सीलेंस अवॉर्ड से सम्मानित।
31. कला सचारय सोसाइटी द्वारा किशोरी अमोंकर समान से सम्मानित।
बिल्कुल ऐसी विभूति जो जमीन से जुड़े और आसमान की ऊंचाई छूएं ऐसी विभूति तबला क्वीन अनुराधा पाल जी को पद्मश्री /पद्म भूषण सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऊंचा किया। कोरोना काल में अनगिनत अभावग्रस्त कलाकारों को आर्थिक सहायता की। प्रतिभा शाली बेटियों को पुरस्कार से सम्मानित किया। संगीत में नूतन प्रयोग नवाचार कर सकरात्मक उर्जा से कला संस्कृति की उल्लेखनीय सेवा की।
ReplyDeleteदेवेंद्र सक्सेना तबला वादक संगीत विभाग राजकीय कला कन्या महाविद्यालय कोटा
श्रीमती संगीता सक्सेना शास्त्रीय गायिका एवं गुरु संगीत गुरू कुल कोटा
सुश्री आस्था सक्सेना गायिका ब्रांड एम्बेसेडर बेटी बचाओ अभियान चिकित्सा विभाग कोटा राजस्थान
Anuradha Pal ji is a stone turner. She is passionate, full of endurance and has an appealing style of playing table in a niche male dominant segment. She comes from a value system where girls are considered as Mahashakti. She has graciously received many splendid awards and raised the bar amongst international and national tabla players. She is certainly well deserved for Padma Shri Award.
ReplyDeleteDr. Shweta Nanda
What the wonderful achievements u gained in very short period of ur life by facing life time hardships, u r not only a great artist bt also a great example of( never to give up) nd (follow ur dreams) for other young artists espc.girls.U r our pride Anuradha, ek salute to banta hai,may God shower his blessings on u with Padmashree award,stay blessed 🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteBy Umeshlata Malik(Dolly Malik)
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